कोयला कामगार संघर्ष समिति ने नागपुर उच्च न्यायलय पर एक रिट पेटीशन लगाया था जिस के माद्यम से यह अनुरोध किया था की जनुवरी २००९ में हरताल में भाग लेने वाले मजदूरों का ८ दिन का वेतन कठोती वे को ली के माद्यम से काटा गया उसे वापस मजदूरों को दे दिया जाय । इस पेटीशन में संघर्ष समिति ने वे को ली प्रबंधन को पार्टी बनाया था । पेटीशन को सुन ने के बाद आदरणीय उच्च न्यायलय ने यह निर्णय दिया की एक पंजीकृत ट्रेड यूनियन होने के नाते संघर्ष समिति को इंडस्ट्रियल डिस्पुट एक्ट की तहत इस मुधे को उठाना चाहिए और पेटीशन को निष्कासित कर दिया गया । यह संघर्ष समिति के लिए बहोत बड़ा अघात था और उने यह स्पष्ट हो गया की अवैधानिक रूप से मजदूरों को धोके में रख कर हरताल करवाने से मजदूरों का बहोत बारी आर्तिक नुकसान होगा। ऐसा लगता हैं की आगे मजदूर भी इस संघर्ष समिति के धोखे से अपने आप को बचा के रखेंगे और अपना नुक्सान नहीं होने देंगे ।
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